‘Fateh Movie Sonu Sood : देसी ‘जॉन विक’ बने सोनू सूद, तोड़ी दुश्मनों की हड्डी-पसली, कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है यह फिल्म

सोनू सूद, जो कोरोना काल में अपनी मददगार छवि के चलते ‘मसीहा’ के रूप में पहचाने गए, अब अपनी फिल्म ‘फतेह’ के जरिए एक्शन अवतार में वापसी कर चुके हैं। यह फिल्म 10 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। लीड रोल में सोनू को सालों बाद देखना उनके फैंस के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। क्या यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए विस्तार से जानते हैं।
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फतेह की कहानी
फिल्म की शुरुआत होती है फतेह सिंह (सोनू सूद) के खतरनाक और रोमांचक एक्शन सीक्वेंस से। वह किसी दुश्मन को ढूंढ रहा है और जैसे ही उसे दुश्मन के ठिकाने की जानकारी मिलती है, वह वहां जाकर तबाही मचा देता है। एक बड़े हॉल में, दुश्मनों से घिरे फतेह की खतरनाक लड़ाई देखकर दर्शकों का रोमांच चरम पर पहुंच जाता है। यहीं से साफ हो जाता है कि यह फिल्म जबरदस्त एक्शन और थ्रिल से भरपूर होगी।
इसके बाद कहानी मोगा, पंजाब में शिफ्ट होती है, जहां फतेह सिंह एक साधारण आदमी की तरह डेयरी फार्म चलाता है। वह सामान्य जिंदगी जी रहा होता है। उसकी पड़ोसी (जैकलीन फर्नांडिस) उसका ख्याल रखती है, और वह निमरत (शिवज्योति राजपूत) नामक लड़की को अपनी बहन जैसा मानता है।
कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब निमरत साइबर फ्रॉड में फंस जाती है। उसे बचाने के लिए फतेह को अपनी भूली हुई पहचान को फिर से अपनाना पड़ता है। असल में फतेह एक पूर्व भारतीय एजेंट है, लेकिन उसकी यह सच्चाई किसी को नहीं पता। निमरत को बचाने की कोशिश में फतेह खुद एक बड़े साइबर क्राइम जाल में फंस जाता है। दुश्मनों से लड़ते हुए फतेह अपने मिशन को कैसे पूरा करता है, यह देखना काफी रोमांचक है।
एक्शन का दमदार तड़का
फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण इसका एक्शन है। सोनू सूद ने इस फिल्म में केवल बंदूकों तक सीमित न रहते हुए चाकू, लोहे की रॉड, हथौड़े, यहां तक कि किताबों से भी दुश्मनों को धूल चटाई है। उनके एक्शन मूव्स शानदार हैं, जो दर्शकों को बांधे रखते हैं।
एक्शन कोरियोग्राफी बेहद प्रभावशाली है। हर सीक्वेंस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह आपको स्क्रीन से नजर हटाने नहीं देता। हालांकि, फिल्म में खून-खराबा और हिंसा का स्तर काफी ज्यादा है, जिसे कमजोर दिल वाले लोग देखने से बच सकते हैं।
सोनू सूद की परफॉर्मेंस और अन्य कलाकारों का काम
फतेह सिंह के किरदार में सोनू सूद ने कमाल की एक्टिंग की है। लंबे समय बाद लीड रोल में उनकी वापसी रिफ्रेशिंग लगती है। उनके इमोशनल और एक्शन सीन्स के बीच का संतुलन बेहतरीन है।
फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और विजय राज विलेन की भूमिका में नजर आते हैं। दोनों ने अपने-अपने किरदारों को दमदार तरीके से निभाया है। नसीरुद्दीन शाह की स्क्रीन प्रजेंस और विजय राज के डायलॉग्स ने विलेन के किरदार को और प्रभावशाली बनाया।
निमरत के रोल में शिवज्योति राजपूत का काम अच्छा है। उन्होंने अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी से निभाया है।
जैकलीन फर्नांडिस, जो फिल्म की कमजोर कड़ी मानी जा सकती हैं, का प्रदर्शन औसत है। उनके डायलॉग्स और स्क्रीन प्रजेंस में थोड़ी कमी महसूस होती है। हालांकि, सोनू सूद के साथ उनकी जोड़ी ठीक-ठाक लगती है।
सपोर्टिंग कास्ट में दिव्येंदु भट्टाचार्य, बिन्नू ढिल्लों, आकाशदीप साबिर और प्रकाश बेलावाड़ी ने अपने किरदारों को मजबूती से निभाया है।
फिल्म का निर्देशन और स्क्रीनप्ले
सोनू सूद ने इस फिल्म में लीड रोल निभाने के साथ-साथ इसका निर्देशन भी किया है। कुछ सीन बेहद जबरदस्त हैं, लेकिन स्क्रीनप्ले में ढीलापन है, जो कहानी की रफ्तार को थोड़ा कम करता है।
फिल्म की कहानी भले ही सरल है, लेकिन इसे प्रस्तुत करने का तरीका बेहतर हो सकता था। कुछ सीन्स दर्शकों को बांधने में सफल नहीं होते।
म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का म्यूजिक कहानी के साथ मेल खाता है। बैकग्राउंड स्कोर एक्शन सीन्स को और प्रभावशाली बनाता है। हालांकि, गाने औसत हैं और दर्शकों के दिलों में जगह नहीं बना पाते।
क्या देखें ‘फतेह’ या नहीं?
अगर आपको एक्शन फिल्में पसंद हैं और खून-खराबा से परहेज नहीं है, तो ‘फतेह’ आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। यह फिल्म आपको रोमांच और थ्रिल का भरपूर अनुभव देगी। लेकिन अगर आप भावनात्मक गहराई और मजबूत कहानी की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपको निराश कर सकती है।
FAQs: ‘फतेह’ से जुड़े सवाल
Q1: ‘फतेह’ किस तरह की फिल्म है?
यह एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म है, जिसमें खून-खराबा और रोमांच का तड़का है।
Q2: सोनू सूद का अभिनय कैसा है?
सोनू सूद का प्रदर्शन शानदार है। लंबे समय बाद लीड रोल में उन्हें देखना सुखद अनुभव है।
Q3: क्या यह फिल्म फैमिली के साथ देखने लायक है?
फिल्म में खून-खराबा और हिंसा के कई दृश्य हैं, इसलिए इसे फैमिली के साथ देखना ठीक नहीं होगा।
Q4: फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष क्या है?
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसका एक्शन और सोनू सूद की शानदार परफॉर्मेंस है।
Q5: क्या फिल्म की कहानी प्रभावशाली है?
कहानी सरल है, लेकिन स्क्रीनप्ले में कमी है, जिससे फिल्म थोड़ी धीमी लग सकती है।
Q6: क्या यह फिल्म थिएटर में देखने लायक है?
अगर आप एक्शन और थ्रिल के शौकीन हैं, तो यह फिल्म थिएटर में देखने लायक है।
Q7: फिल्म की कमजोर कड़ी क्या है?
फिल्म का स्क्रीनप्ले और जैकलीन फर्नांडिस का प्रदर्शन इसकी कमजोर कड़ियां हैं।
निष्कर्ष:
‘फतेह’ एक्शन-थ्रिलर के शौकीनों के लिए परफेक्ट चॉइस है। सोनू सूद की दमदार एक्टिंग और फिल्म के रोमांचक एक्शन सीन इसे देखने लायक बनाते हैं। लेकिन कमजोर दिल वालों के लिए यह फिल्म नहीं है।